जब मेरी बहन बाहर होती है, तो मैं उसके बिस्तर का विरोध नहीं कर सकता। यह मेरा अभयारण्य है, मेरा खेल का मैदान है। लेकिन जब वह मुझे पकड़ती है, तो गर्मी बढ़ जाती है। हमारी हिचकिचाहटें फीकी पड़ जाती हैं, और हम निषिद्ध आनंद की दुनिया में तल्लीन हो जाते हैं। यह वासना और इच्छा का एक गर्म नृत्य है, एक वर्जित कल्पना जीवन में आती है।