जब मालकिन बाहर निकलती है, तो उसकी नौकरानी की लालसा अंदर आ जाती है। अपने कपड़े चुराकर, वह सेठ जी को अपनी संपत्ति दिखाती है। उत्सुकता से, वह उसके तंग, रसीले खजाने को दावत देते हुए उसमें गोता लगाता है। एक मनमोहक मुख-मैथुन के बाद, वह उसे पूरी तरह से संतुष्ट छोड़ते हुए उसमें डूब जाता है।