एक तेजस्वी त्रिगुट एक आश्चर्यजनक लोमड़ी के रूप में सामने आता है, जो मनमोहक मौखिक दावत में शामिल होती है। दो भाग्यशाली पुरुष उसके मनोरम अमृत पर दावत देते हैं, उनकी जीभ एकदम सद्भाव में नृत्य करती है। जैसे-जैसे वे बारी-बारी से लेते हैं, परमानंद बढ़ता जाता है, उसका समापन सिहरते हुए चरमोत्कर्ष पर होता है।