मेरी दिवंगत सौतेली माँ की रेशमी पैंटी को मैं नास्तिकता से उतारता हूं, एक उग्र इच्छा को प्रज्वलित करता हूं। उसकी सुस्त खुशबू मेरी कल्पनाओं को और भड़काती है, मुझे निषिद्ध आनंद की दुनिया में डुबो देती है, जहां मैं उसकी पैंटी के आकर्षण के माध्यम से उसकी यादों को गले लगाता हूं।