रेबेका का क्रूर प्रभुत्व तब सामने आता है जब दास रेबेका को बेरहमी से पीटा जाता है, उसके समर्पण का परीक्षण किया जाता है। दर्द के बीच खुशी से बहकाया गया, वह अपमान से प्रेरित कोड़ा पकड़ती है। उसकी कामोत्तेजक रिहाई कमरे में गूंजती है, जो उसके पूर्ण समर्पण का एक वसीयतनामा है।