काम पर एक भीषण दिन के बाद मैंने अपनी सौतेली चचेरी बहन अन्ना की रसीली गांड मारी.शुरू में तो वो आंख मारती थी, लेकिन जल्द ही और ज्यादा तरस जाती थी.हर धक्के के साथ उसकी कराहें और तेज हो जाती थीं, जो एक विस्फोटक चरमोत्कर्ष पर पहुंच जाती थीं.इस अंतरंग मुठभेड़ ने हम दोनों को बेदम कर दिया था.