सौतेले भाई-बहनों के बीच वासना का स्थिर निर्माण, एक गर्म विनिमय की ओर ले जाता है। वह उसमें गोता लगाता है, उसे लटके हुए चाटता है। वह उसका प्रत्युत्तर देती है, उसे खुश करती है। उँगलियों से विभिन्न स्थितियों में मौखिक प्रसन्नता और भावुक प्रवेश होता है, जिसका समापन एक संतोषजनक चरमोत्कर्ष में होता है।